एक क्रिकेट प्रशंसक के तौर पे शनिवार को ढाका के शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में भारत-बांग्लादेश महिलाओं के मैच के दौरान जो भी हुआ वो सब परेशान कर देने वाला था, मैं लंबे समय से क्रिकेट देख रहा हूं लेकिन मैंने कभी किसी को इस तरह का व्यवहार करते नहीं देखा जैसा भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने खेल के बाद किया। बांग्लादेश में जो हुआ वह अनुचित था। खराब अंपायरिंग निर्णय पर क्रिकेटरों की प्रतिक्रिया कोई नई बात नहीं है। क्योंकि जब आप एक निर्णायक मैच में आउट हो जाते हैं, तो कभी-कभी भावनाओं को नियंत्रित करना मुश्किल होता है। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर आउट हो जाने के बाद असहमति जताने वाली पहली क्रिकेटर नहीं हैं और हमने पहले भी गलत फैसले देखे हैं, न केवल महिला क्रिकेट में बल्कि पुरुष क्रिकेट में भी लेकिन मैच समाप्त होने के बाद जो हुआ उसकी ज़रूरत नहीं थी, खासकर इसलिए क्योंकि हरमनप्रीत भारतीय कप्तान हैं और उन्हें इस बात पे गौर करना चाहिये कि एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर वो अपने जूनियर खिलाड़ियों के लिए अच्छा उदाहरण पेश नहीं कर रही हैं, इससे हरमनप्रीत कौर का व्यवहार और भी अस्वीकार्य हो जाता है। प्रेजेंटेशन समारोह के दौरान उन्होंने अंपायरों को बांग्लादेश टीम के साथ पोज देने के लिए बुलाया, जिससे यह पता चला कि वे टीम का हिस्सा थे और उनके लिए खेल रहे थे और उनके इसी व्यवहार के चलते उन पर चार डिमेरिट अंक का जुर्माना और आईसीसी ने हरमनप्रीत कौर पर आने वाले 2 अंतर्राष्ट्रीय मैचों का प्रतिबंध लगा दिया है, और साथ ही हरमनप्रीत आईसीसी आचार संहिता के लेवल 2 के उल्लंघन का दोषी पाए जाने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गयी हैं, जो कि खिलाड़ी के व्यवहार से संबंधित होता है।
क्यूँ लगाया गया हरमनप्रीत पर प्रतिबंध
शनिवार को अंपायर तनवीर अहमद द्वारा स्लिप में कैच आउट दिए जाने के बाद हरमनप्रीत ने अपने बल्ले से स्टंप्स को तोड़ दिया और पोवेलियन की तरफ वापस जाते वक़्त अंपायर को फटकार लगाती नजर आईं थी, मैच के बाद समारोह में, उन्होंने अंपायरिंग के लेवल को “दयनीय” कहा। ईएसपीएनक्रिकइन्फो की खबर के अनुसार मैच अधिकारियों ने कप्तान हरमनप्रीत कौर पर क्रिकेट उपकरण (स्टंप्स) का नुक्सान करने के लिए तीन डिमेरिट अंक और सार्वजनिक रूप से मैच अधिकारियों की आलोचना करने के लिए एक डिमेरिट अंक की सिफारिश की है। इसके चलते आईसीसी ने भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर को आईसीसी की आचार संहिता 2.8 के उल्लंघन का दोषी पाया है। आईसीसी के नियमों के अनुसार, जब कोई खिलाड़ी 24 महीने की अवधि के भीतर चार या अधिक डिमेरिट अंक तक पहुंचता है, तो उन्हें निलंबन अंक में बदल दिया जाता है। चार से सात डिमेरिट अंक की सीमा निलंबन अंक के बराबर होती है यानी एक टेस्ट या दो वनडे या दो टी-20 मैचों का प्रतिबंध लगाया जा सकता है, ये प्रतिबंध खिलाड़ी के निर्धारित मैच शेड्यूल पर निर्भर करता है, यानि निलम्बन पॉइंट्स मिलने के बाद खिलाड़ी को जो भी मैच उनके शेड्यूल के हिसाब से पहले खेलने होते हैं उन मैचों में वो खिलाड़ी निलंबित हो जाते हैं, हरमनप्रीत कौर को आखिरी बार डिमेरिट अंक तब मिला था जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2017 विश्व कप सेमीफाइनल के दौरान गुस्से में अपना हेलमेट जमीन पर गिरा दिया था।
पूर्व खिलाड़ियों ने की हरमनप्रीत के व्यवहार की आलोचना
फ़िलहाल भारतीय कप्तान हरमनप्रीत को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने हरमनप्रीत कौर के व्यवहार को ले कर कहा है कि वो इस खेल से बड़ी नहीं हैं और उनका व्यवहार बेहद दयनीय था। प्रेजेंटेशन सेरेमनी के दौरान उनका बांग्लादेशी महिला टीम के साथ उनका व्यवहार अनुचित था और बीसीसीआई को उनके खिलाफ बहुत सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
Harmanpreet’s behaviour against the Bangladesh women’s team was pathetic. She is not bigger than the game. She got a very bad name for Indian cricket. BCCI should take very strict disciplinary action.
— Madan Lal (@MadanLal1983) July 23, 2023
हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत के दौरान भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा ने कहा कि कौर शांत होने के बाद अपने किए पर पछताएंगी। उन्होंने कहा कि “जब उसका गुस्सा शांत हो जाएगा तो मुझे यकीन है कि वह पीछे मुड़कर देखेगी और इस बात पर सहमत होगी कि उसे मैदान पर अपनी असहमति दिखाने में अधिक सावधान रहने की जरूरत है। अपनी नाराजगी व्यक्त करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे और कब व्यक्त करते हैं, उन्हें अपने शब्दों के चयन में भी सावधानी बरतनी चाहिए।
स्मृति मंधना ने किया कप्तान हरमनप्रीत का बचाव
स्मृति मंधाना ने अपनी कप्तान हरमनप्रीत कौर का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने मैच के बाद प्रेजेंटेशन में बांग्लादेश की कप्तान से कुछ बुरा नहीं कहा। मैंने जो कुछ भी सुना है, उससे लगता है कि अंपायरिंग के बारे में कुछ बात हुई है। मुझे नहीं लगता कि उसने उनके (बांग्लादेश के खिलाड़ियों) बारे में कुछ कहा है।” मंधाना ने कहा, हमें उन चीजों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए जो मैच के दौरान नहीं हुई थीं। मैच के बाद की चीजें कैमरे पर नहीं थीं, इसलिए हमें इसके बारे में बात नही करनी चाहिए। “दोनों टीमों ने बहुत अच्छा क्रिकेट खेला। बीच में जो कुछ हुआ वह खेल का ही पार्ट है। जब हम पुरुषों की क्रिकेट देखते हैं तब भी हमें ऐसी घटनाएं देखी हैं, इसलिए मुझे यकीन है कि आप जानते होंगे कि महिला क्रिकेट में अगर ऐसा कुछ हो रहा है तो ये असामान्य नहीं है। जब आप भारत के लिए खेलते हैं, तो आप हमेशा जीतना चाहते हैं, और वास्तव में जब आप इस तरह के महत्वपूर्ण मैचों में अंपायर के दिए गए फैसले खुश नहीं होते तो हीट ऑफ़ दा मोमेंट में इस तरह के रिएक्शन्स सामने आ जाते हैं।
हरमनप्रीत की हरकत और उनकी टिप्पणियों पर आईसीसी से प्रतिबंध लगने की संभावना पर पूछे गए सवाल पर स्मृति मंधना ने कहा कि “हम प्रतिबंध या किसी भी चीज़ पर निर्णय लेने वाले कोई नहीं हैं, उन चीज़ों पर निर्णय लेने के लिए एक आईसीसी पैनल है।”