पंजाब के खन्ना शहर का अंतर्राष्ट्रीय पैरा कराटे खिलाड़ी तरुण शर्मा 21 से 23 जुलाई तक मलेशिया में आयोजित एशियन कराटे चैंपियनशिप में भारत की तरफ से भाग लेने गया था। भारत की तरफ से मात्र दो ही खिलाड़ी इस चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जिसमे से तरुण शर्मा ने इस चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया, मलेशिया में भारत को मेडल दिलाकर अपने वतन वापस लौटने पर तरुण शर्मा को मायूसी हाथ लगी, तरुण शर्मा को उम्मीद थी कि जब वो अपने देश या अपने शहर वापस लौटेगा तो उसका मान-सम्मान किया जाएगा, लेकिन तरुण को दिल्ली से रोडवेज़ बस पकड़ कर वापस अपने शहर खन्ना आना पड़ता है। लेकिन जब तरुण बस स्टैंड पर उतरता है तो वहां भी उनको उनकी उपलब्धि की ख़ुशी जताने वाला कोई गणमान्य चेहरा नज़र नहीं आता। तरुण को रिसीव करने उनके कुछ मित्र ही पहुंचे थे, इसी दौरान तरुण मायूसी के साथ अपने संन्यास की घोषणा कर देता है।
तरुण शर्मा की नाराजगी की वजह
तरुण शर्मा एक गरीब परिवार से है और अपने पिता के साथ सब्जी की रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का गुज़ारा चलाता था लेकिन कुछ महीने पहले तरुण के पिता की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद अब वो अकेला ही अपने परिवार को पालने के लिए रेहड़ी लगाता है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश और राज्य का नाम रोशन करने वाले इस खिलाड़ी की किसी भी सरकार ने कोई मदद नहीं की। तरुण काफी समय से सरकारी नौकरी की गुहार लगा रहा है लेकिन फिलहाल अब तक उसकी किसी भी तरह की कोई सुनवाई नहीं हुई। यहाँ तक कि अपने खेल के शौंक को पूरा करने के लिए उसे अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा। अब तक तरुण शर्मा पर तकरीबन 12-13 लाख का क़र्ज़ है। मलेशिया में आयोजित एशियन कराटे चैंपियनशिप में जाने के लिए भी तरुण ने 1 लाख रुपये का क़र्ज़ उठाया था। लेकिन सरकार द्वारा हुई उपेक्षा को देख कर तरुण एक दम मायूस होकर खुद को अपमानित महसूस करने लगा है, और यही वजह रही कि तरुण बस स्टैंड से वापस घर लौटते समय गुस्से में बोला की अब वो अपना क़र्ज़ उतारने के लिए भुक्की, अफीम, शराब जैसे नशे बेचेगा।
हालांकि थोड़ी देर बाद जब तरुण का गुस्सा शांत होता है तो वो बोलता है कि उसकी मजबूरी है उसको परिवार को भी पालना है और अपने क़र्ज़ भी उतारने हैं मै देखता हूँ अभी धान का सीजन चल रहा है वहीं 400 रुपये दिहाड़ी करूँगा।